Followers

Monday, June 23, 2008

शायद ही कोई ऎसा व्यक्ति हो जिसे ’गुलाब’ से लगाव न हो । हर व्यक्ति की यही चाह होती है कि वह अपने घर के आन्गन मे गुलाब की क्यारिया लगाए , क्यारी नही तो गमलो मे ही गुलाब उगाए । गुलाब की सुगन्ध पूरे वातावरण को महका देती है । राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन आज भी हमे प्राचीन गुलाबो की याद दिलाता है ।
कहते है कि गुलाब की मनमोहक सुगन्ध की दीवानी एक प्रेयसी ने अपने प्रेमी से गुलाब के इत्र की फरमाइश की थी , तभी से इत्र का प्रचलन हुआ। इतिहास गवाह है कि आज से तीन - चार सौ वर्ष पूर्व भी भारत के शाही उद्यान मे गुलाब अपनी सुन्दरता व महक से सभी का मन हर लेता था । शाही घराने मे राजकुमारियो, मलिकाओ , रानियो एवम सुन्दरियो के नहानघर मे गुलाबजल की फुहारे उडाते फव्वारे लगे रहते थे । स्नानकुन्ड मे गुलाबजल के साथ-साथ गुलाब की ताजा पन्खुडिया बिखेरी जाती थी । गुलाब की पन्खुडियो से बना उबटन शाही सुन्दरियो का मुख्य सौन्दर्य प्रसाधन था । फलत: गुलाब वर्षो से सौन्दर्य तथा सज्जा सामग्री के रूप मे तो उपयोगी होता ही रहा है , साथ ही गुलाब औषधीय गुणो की खान भी है ।
-गुलाब मे विटामिन ’सी’ प्रचुर मात्रा मे पाया जाता है । गिलकन्द बनाकर प्रतिदिन सेवन करने से जोडो व हड्डियो मे विशेष शक्ति व लचक बनी रहती है । इससे वॄद्धावस्थामे हड्डी या गठिया जैसे कष्ट्दायक रोगो से बचा जा सकता है ।
-गुलाब के फूल का प्रतिदिन सेवन करने से टी वी रोग से रोगी शीघ्रता से आराम पाता है ।
-गुलाब के फूल की पन्खुडियो से मसूढेव दान्त मजबूत होते है । दान्तो की दुर्गन्ध दूर होती है तथा पायरिया जैसी बीमारी से निजात पाई जा सकती है ।
-पेट की बीमारियो मे गुलाब का गुलकन्द फायदेमन्द होता है ।
- गुलाब आमाशय आन्त और यकॄत की कमजोरी को दूर कर शक्ति का सन्चार करने मे सहायक है ।
-गर्मी के दिनो मे घबराहट,बैचेनी के साथ-साथ जब दिल की धड्कने तेज हो जाती है तब गुलाब को प्रात: चबाकर खाने से आराम मिलता है
-आन्खो मे गर्मी से जलन हो या धूल-मिट्टी से तकलीफ हो तो गूळाबजलसे आन्खे धोनी चाहिए । ’रतौन्धी’नामक नेत्ररोग के लिए गुलाबजल अचूक दवा है ।
-चेचक के रोगी के बिस्तर पर गुलाब की पन्खुडियो का सूखा चूर्ण डालने से दानोके जख्म ठ्न्ड्क पाकर सूख जाते है ।
-गर्मी के दिनो मे गुलाब को पीसकर लेप बनाकर माथे पर लगाने से सिरदर्द थोडी ही देर मे ठीक हो जाता है ।
-गुलाब की पत्तिया पीसकर ,उसके रस को ग्लिसरीनमे मिलाकर सूखे व कटे-फटे होठो पर लगाने से होन्ठ तुरन्त ही चिकने व चमकदार हो जाते है ।
-गर्मियो मे भोजन के बाद पान मे गुलकन्द डलवाकर खाना चाहिए । इससे मुखशुद्धि के साथ-साथ खाना भी हजम हो जाता है ।

मन की शान्ति

आपको पता है की आदमी मन्दिर क्यों जाता है ......
नहीं पता , कोई बात नहीं ... , हम आपको बताते हैं .....
क्योंकि ..........................
वहां आरती होती है
वहां पूजा होती है
वहां अर्चना होती है
वहां उपासना होती है
वहां भावना होती है
वहां महिमा होती है
वहां वंदना होती है
वहां साधना होती है
वहां आराधना होती है
ये सब आदमी को शान्ति देती हैं ........
और इससे उनके मन को मिलती है शान्ति ......