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Thursday, June 26, 2008

क्या करे बेचारे विद्यार्थी ?

विद्यार्थी जीवन के ३६५ दिन का लेखा-जोखा ......
यदि वह फेल होता है तो इसमे बेचारे विद्यार्थी का कोई दोष नही है क्योकि साल मे केवल ३६५ दिन होते है ,जबकि विद्यार्थी के पास पढ्ने के लिए एक दिन भी नही होता । आप जानना चाहेन्गे कि ऎसा कैसे हो सकता है ? आईए, आपको बताते है विद्यार्थी जीवन के ३६५ दिन का लेखा-जोखा ........
१--साल मे ५२ रविवार होते है और रविवार ’छुट्टी का दिन’ होता है । सप्ताह मे यही दिन है जबकि छह दिन की आपा - धापी के बाद रविवार को बिना किसी रोक - तोक के थोडा सुख चैन व आराम कर सकते है । मसलन ३६५ मे से ५२ दिन निकाल्कर्बच्ते है ३१३ दिन ।
२--मई-जून काफी गर्म दिन होते है , इस करणइन दिनो ५० दिन की समर होली डे यानि कि गर्मियो की छुट्टिया होती है । गर्मियो मे पडाई कर पाना मुश्किल होता है । बचे २६३ दिन ।
३--प्रतिदिन कम से कम ८ घन्टे सोने की हिदायत दी जाती है सो १३० दिन सोने मे चले गए, बचे १४१ दिन ।
४--अच्छे स्वास्थ्य के लिए १ घन्टा प्रतिदिन खेलना आवश्यक है, मतलब १५ दिन खेल के नाम हो गए । अब रह गए १२६ दिन ।
५--कम से कम दो घन्टे प्रतिदिन खाना खाने तथा अन्य स्वादिष्ट भोजन व फलादि खाने मे लग जाते है जिससे हुए ३० दिन । रह गए ९६ दिन ।
५--समाज मे रहते हुए सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने हेतु कम से कम एक घन्टा दूसरे लोगो के साथ वाद-विवाद करना चाहिए । इस वाद-विवाद मे लग गए साल के १५ दिन । अब बच गए ८१ दिन ।
६--हर साल कम से कम ३५ दिन एग्जाम होते है , रह गए ४६ दिन ।
७--क्वाटरली, हाफईयर्ली एवम त्यौहार आदि के नाम पर साल मे चालीस दिन छुट्टिया पड. जाती है, अब रह गए ६ दिन ।
८--लगभग तीन दिन किसीन किसी रूप मेव बीमारी पर खर्च हो जाते है , बचे ३ दिन ।
९--फिल्म देखने व घ्रेलू समारोह आदि पर २ दिन खर्च होते है । बचा मात्र १ दिन ।
और यह एक दिन होता है आपके जान्म दिन के नाम । अन्तत: सारा हिसाब - किताब लगाने के बाद विद्यार्थी के पास पडने के लिए एक दिन भी नही बचता , ऎसे मे उससे पास होने की उम्मीद कैसे की जा सकती है ......?