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Wednesday, September 23, 2009

क्या आपने कभी देखा है इसे ?


लाल , पीले, सफेद , गुलाबी गुलाब के महकते हुए फूलों की खुशबू तो आप सबने जरूर ली होगी । परंतु मैं यहां आपको हरे रंग का गुलाब दिखा रही हूं । जो देखने में जितना सुंदर है , उसकी खुशबू भी कहीं ज्यादा महक कर मेरे मन को हर ले रही है । यूं तो गुलाब से मुझे बेहद लगाव है , वे चाहे जिस रंग के हों । लेकिन इस हरे गुलाब ने तो मुझे दीवाना बना कर रख दिया है । हो सकता है आप लोग इस हरे रंग के गुलाब से परिचित हों , कोई बात नहीं । तो लीजिए आप भी इसे देखिए और हो जाईए इसके दीवाने ।

८० बरस की हो जाएंगी लताजी





मधुर आवाज या मधुर गीत संगीत की बात हो तो सबकी जुबान पर सबसे पहले सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का नाम आता है. २८ सितम्बर को लता दीदी ८० साल की हो रही हैं, इस शुभ अवसर पर संगीत कंपनी सारेगामा ने आठ सी डी का एक पैक रिलीज़ किया है'' ८० ग्लोरियस ईयर ऑफ़ लता मंगेशकर--सफलता के शिखर पर, कल भी आज भी'' शीर्षक से. इस आठ सी डी के पैक में सन ४० के दशक से लेकर सन २००० तक के सभी लोकप्रिय गीत शामिल किये गये हैं, जिनमें ''जिया बेकरार है'' [बरसात - १९४९] ''लारा लप्पा लारा लप्पा''[ एक थी लड़की - १९५०] '' इन्हीं लोगो ने '' [पाकीजा - १९७१]'' प्यार किया तो डरना क्या'' [मुग़ल ए आजम-१९६०] ''बिंदिया चमकेगी'' [दो रास्ते- १९६९] ''देखा एक ख्वाब'' [सिलसिला -१९८१] '' चूडियाँ खनक गयी'' [लम्हें - १९९१] ''कुछ न कहो'' [ १९४२ ए लव स्टोरी -१९९४] आदि के अलावा अनेको ऐसे वो सदाबहार गीत हैं जिन्हें श्रोता हमेशा गुनगुनाना पसंद करते हैं.
१२०० रूपए मूल्य पर उपलब्ध इस आठ सी डी के आकर्षक पैक में लता दीदी की आवाज में मधुर गीत तो हैं ही हैं इसके साथ --साथ एलबम की कई अन्य विशेषताएं भी हैं जैसे --इस सी डी का परिचय कराया है जाने माने निर्माता - निर्देशक यश चोपडा ने. उन्होंने ''लता दीदी'' के बारे में खुद एक लेख लिखा है. इसके अलावा लता दीदी की अलग-अलग आयु कुछ दुर्लभ तस्वीरे भी हैं, कुछ तस्वीरों में उनके साथ यश चोपडा भी हैं.